नारी सशक्तिकरण : नारी सशक्तिकरण का अर्थ है नारी की शक्ति का उल्लेख करना | इसका सीधा तात्पर्य समाज में महिलाओं को उनका मुख्य अधिकार दिलाने से है |

समाज में नारी का महत्व
आज के समाज में महिलाएँ सभी प्रकार के क्षेत्र में उन्नति और गौरवशीलता हाशिल कर रही हैं | आज के समय में महिलाओं की स्थिति में पहले की अपेक्षा बहुत-से बदलाव आए हैं | पहले के समय में नारियों के लिए शिक्षा पर प्रतिबंध था तथा उन्हें केवल घरग्रस्ति के कामों को करना सिखाया जाता था | पहले के समाज में महिलाओं को घर से बाहर निकलना, पढ़ना-लिखना, अपने लिए खुद फैसला लेने का अधिकार आदि किसी भी प्रकार के अधिकार महिलाओं के लिए नहीं थे |
उन्हें लड़कों से हमेशा कम समझा जाता है और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने पर भी प्रतिबन्ध लगाया जाता है | कई जगहों पर लोगों का इस आधुनिक युग में भी यही मानना है कि लड़कियों के लिए शिक्षा का कोई महत्व नहीं है उन्हें केवल अपना घर-परिवार की देखभाल करनी चाहिए | पहले के समय में लड़कियों का हमेशा विरोध जाता था या ऐसे बहुत से विवाद लड़कियों से सम्बंधित थे लेकिन अब भी कुछ जगहों पर ऐसा करते हैं जहाँ लड़कियों को कोई महत्वता नहीं दी जाती | घर-परिवार की देखभाल करना कोई गलत बात नहीं परन्तु इसके साथ-ही उन्हें शिक्षित होने का भी अवसर प्रदान करना चाहिए तथा लड़कियों को कही लड़कों से कम नहीं समझना चाहिए |
महिला शिक्षा -Women’s Education
नारी-सशक्तिकरण की आवश्यकता
महिलाओं से साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए तथा उन्हें भी पुरुषों के बराबर सम्मान प्रदान करने के लिए नारी-सशक्तिकरण की आवश्यकता है | उन्हें जागरूक होने का और सफल होने का मौका देना चाहिए | नारी-सशक्तिकरण की बहुत आवश्यकता इसलिए है क्योंकि जिस प्रकार इस आधुनिक युग में भी महिलाओं को हमेशा पुरुषों से कम समझा जाता है और समाज में महिलाओं के साथ अभी-भी दहेज़ के लिए जला देने जैसे अत्याचार हो रहें हैं | आधुनिक महिलाएँ जीवन के सभी क्षेत्र में सफल होने के लिए कठिन-से-कठिन मेहनती कर रही है, नारी-सशक्तिकरण से महिलाओं का भविष्य अवश्य संवर जायगा |
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महिलाएं आबादी का आधा हिस्सा है | सरकार को उन्हें उनका उचित अधिकार देना चाहिए | उन्हें संसद में 33% आरक्षण दिया जाना चाहिए | वे हमारे देश और विश्व के विकास में मदद कर रही हैं | महिलाएं हमारे समाज की रीढ़ है |