
महाराणा प्रताप जयंती –Maharana Pratap Jayanti
राजपूत लोगों के द्वारा महाराणा प्रताप जयंती बड़े ही उल्लास के साथ मनाई जाती है | इस दिन क्षत्रिय राजपूत झाकियां तथा रैलियां निकालते हैं | महाराणा प्रताप का नाम भारत के सबसे शक्तिशाली और समझदार योद्धाओं में गिना जाता है | इनका जन्म 9 मई सन 1540 में हुआ था | महाराणा प्रताप मेवाड़ के शासक थे और आज का राजस्थान उन्ही की दें है | इन्होने मेवाड़ को बचाने के लिए कई लड़ाईयां लड़ी थी |
16 शताब्दी के शासकों में महाराणा प्रताप भारत के सबसे वीर योद्धा थे | उनकी लम्बाई सात फीट पांच इंच थी | वह अस्सी किलो का एक भाला और दो तलवारें हमेशा अपने साथ रखते थे | अकबर के साथ हुए सभी युद्धों में इन्होने अकबर को हराया था | इनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलकर कुल 208 किलो वजन था | जब हल्दी घाटी का युद्ध हुआ था तब महाराणा प्रताप के पास केवल बीस हजार सैनिक थे और अकबर के पास 85,000 सैनिक थे |
सैनिक कम होने के बावजूद प्रताप ने हार नहीं मानी और स्वतंत्र के लिए लड़ें | अकबर ने जब प्रताप को समझाने के लिए अपने शान्ति दूतों को भेजा था तब भी प्रताप ने यह कहते हुए उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि ये राजपूत योद्धाओं के शान के खिलाफ है | इन्होने मरते दम तक मेवाड़ के लिए लड़ाईयां लड़ी लेकिन कभी अकबर के आगे सिर नहीं झुकाया | प्रताप ने अपने जीवन में आई विपत्तियों के समय भी घास की बनी रोटियाँ खाना मंज़ूर कर लिया लेकिन अकबर के सामने सिर झुकाकर अपने स्वाभिमान को गिरना सही नहीं समझा |
महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा चेतक था, जो कि बहुत बहादुर भी था | जब मुग़ल सेना प्रताप का पीछा कर रही थी तब उनका घोड़े चेतक ने ही उनकी मदद की थी | हल्दी-घाटी में चेतक की समाधि भी बनी हुई है | महाराणा प्रताप जयंती क्षत्रिय राजपूत बड़े ही शौको-शान से मनाते हैं | इस बार भी 2018 में महान योद्धा महाराणा प्रताप की 479वीं जयंती जश्न के साथ मनाई जायगी | हर बार की तरह इस बार भी महाराणा प्रताप जयंती के दिन झाकियां निकाली जाएँगी |