
राम नवमी हिन्दुओं का धार्मिक व् पारंपरिक त्योहार है | यह हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा बहुत ही जश्न से मनाया जाता है | हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के 9वें दिन पड़ता है, इसलिए इस पर्व को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी भी कहा जाता है | हिन्दू धर्म के लोग नौ दिन के त्योहार के रूप में पूरे नौ दिनों तक रामचरितमानस के अखंड-पाठ, भजन-कीर्तन पूजा व् आरती के बाद प्रसाद-वितरण आदि का आयोजन करके इसे मनाते हैं | यह पर्व अयोध्या के राजा दशरथ तथा उनकी पत्नी कौशल्या के पुत्र राम के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाता है | भगवान् विष्णु ने दुष्ट रावण का अंत करने के लिए राम के रूप इस धरती पर अपना सातवाँ जन्म लिया था | इसलिए भगवान् राम के हाथों ही पापी रावण का अंत हुआ | श्री राम की तीन माता कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी थी तथा यह चार भाई राम, लक्ष्मण, भारत, शत्रुघ्न, थे | श्री राम के जन्म से पहले ही महर्षि वाल्मीकि ने इनकी पूरी कथा बता दी थी | श्री राम के जन्म की खुशियाँ आज भी अयोध्या के एक कनक भवन में बड़े ही उल्लास के साथ मनाई जाती है | भगवान् श्री राम का विवाह देवी सीता के साथ हुआ था, जोकि राजा जनक की पुत्री थी | 14 वर्ष श्री राम जी को उनकी पत्नी सीता व् भाई लक्ष्मण के साथ वन में बिताने पड़े थे |
सीता जी धरती से ही उत्पन्न हुई थी और अंत में धरती में ही समा जाती हैं | दक्षिण भारत के लोग भी इस त्योहार को भगवान् राम और देवी सीता के विवाह की सालगिरह के रूप में मनाते हैं और मंदिरों को भी सजाते हैं | यह पर्व हिन्दुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण पर्व है इसलिए इसे श्रद्धा के साथ मनाते हैं | इस साल अर्थात 2018 में राम नवमी 25-मार्च को मनाया जायगा तथा पूजा का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक का है | रामचरितमानस हिन्दुओं की पवित्र पुस्तक है | राम नवमी के अवसर पर लोग पूजा के साथ-साथ सुख, सम्रद्धि के लिए व्रत भी रखते हैं | 2019 में यह त्योहार 14 अप्रैल को रविवार के दिन मनाया जाएगा | भक्त–जन श्रद्धा के साथ इस दिन गंगा नदी व् सरयू नदी में स्नान भी करते हैं | कुछ जगहों पर लोग राम-सीता, हनुमान और लक्ष्मण की रथ-यात्रा भी निकलते हैं | इस प्रकार से राम नवमी का यह त्योहार लोगो के ह्रदय में भगवान् राम के प्रति आसिम भक्ति को दर्शाता है |