
ज़िन्दगी में असफल होने का रहस्य -The Mistery of failure in Life
हम सभी लोग अपने जीवन में अच्छा और सफल व्यक्ति बनने का प्रयास करते है लेकिन ज्यादातर लोग असफल हो जाते हैं | ऐसा आत्म-विश्वास की कमी के कारण ही होता है | आत्म-विश्वास एक ऐसी चीज़ है जिसके होने से इंसान और भी आकर्षक लगने लगता है | जब आप ज्यादा कॉन्फिडेंट बनना चाहोगे, तब आप कहोगे कि हाँ, मैं कॉन्फिडेंट हूँ | लेकिन जब आप बहार निकलोगे तब आप सही से एक्ट नहीं कर पाओगे | आप बहार से दिखाओगे कि हाँ, मैं कॉन्फिडेंट हूँ, लेकिन तब भी आप अन्दर से डरे हुए होते हैं | जिन लोगों में आत्म-विश्वास नहीं होता | वे अक्सर असफल हो जाते हैं | इसी से सम्बंधित एक कहानी नीचे दी गयी है जिसके पढ़कर आप जान जांयेंगे कि अधिकतर लोगों के असफल होने का कारण क्या है |
एक बार जब एक स्टूडेंट के कॉन्फिडेंट लेवल का टेस्ट लेना था इसलिए उस स्टूडेंट को दस वैज्ञानिकों के बीच बिठाया गया और सामने बोर्ड पर एक तरह एक लाइन तथा दूसरी तरफ तीन लाइन बना दी गई | अब वहां बैठे सभी लोगों से पूछा गया कि बताओ बोर्ड पर बनी एक लाइन उन तीन लाईनों में से किसके बराबर है | प्रश्न बिलकुल ही आसन था और सबको पता था कि वह एक लकीर उन तीनो लकीरों में से बीच वाली लकीर के बराबर है |
जब ये प्रश्न वहां बैठे एक वैज्ञानिक से पूछा गया तो उसने इसका जान-बूझकर गलत जवाब दिया | इसके बाद एक-एक करके सब की बारी आती गई लेकिन सभी वैज्ञानिक इस प्रश्न का गलत जवाब ही दे रहे थे | लेकिन जब उस लड़के की बारी आई तो उसने देखा कि इसका सही उत्तर तो बीच वाली लाइन है, लेकिन सबने तीसरी लाइन को सही उत्तर बताया है | वह इस दुविधा में पड़ गया कि इसका सही उत्तर क्या है, जो वह सोच रहा है, या जो इन सबने बताया है |
उसने मन में यह सोचा कि जब इतने सारे लोग इसका उत्तर तीसरी लकीर को बता रहें है तो शायद वही सही उत्तर है | इतना सोचकर उसने भी उसी गलत उत्तर को अपना उत्तर बताया | लेकिन इस प्रश्न का सही उत्तर दूसरी लाईन ही थी |
शिक्षा :- उस स्टूडेंट ने गलत जवाब इसलिए दिया क्योंकि उसे अपने आप पर विश्वास नहीं था | कभी-कभी हम सब कुछ जानते हुए भी केवल कॉन्फिडेंस ना होने की वजह से सही को भी गलत और गलत को सही मान लेते हैं और इसलिए अपने जीवन में हमें असफलता प्राप्त होती है |