होलकर के युग का जश्न मालवा के रंग पंचमी के रंगीन त्योहार द्वारा मनाता है |

जब इंदौर के राजस्थान के राजभवन में बड़ी संख्या में लोग (इंदौर के निवासी) इकट्ठे होते है, उस समय राजवाड़ा, उनके प्यरा और ख़ुशी को दिखाने के लिए के-दुसरे पर अलग-अलग रंग छिड़कते हैं | यह त्योहार फाल्गुन माह के होली के पांचवे दिन चैत्र कृष्ण पंचमी के दिन मनाते हैं | पाँच दिवसीय होली का यह त्योहार रंग पंचमी के दिन ख़त्म होता है | हवा में संगीत, रंग और पानी का प्रवाह लोगों को इस त्योहार की ओर आकर्षित करता है | इंदौर के निवासी इस त्योहार को होली से भी ज्यादा उत्साह से मनाते हैं | यह त्योहार इंदौर निवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है | 150 फुट की ऊँचाई पर रंगों को छिड़कने वाले वाहनों पर पानी के तोपों को स्थापित किया जाता है | गारियों का स्वागत करने के लिए, विभिन्न चरणों को निर्धारित किया जाता है तथा भांग से भरे कांच को रखा जाता है | मालव रंग पंचमी के उत्सव को पूरे शहर में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है |
होली क्यों मानते हैं जानिए -Why Is Holi Celebrated In Hindi
रंग पंचमी से तात्पर्य है कि रंग का मतलब अलग अलग प्रकार के रंग है और पंचमी का मतलब पांचवा दिन है | यह हिन्दुओं के द्वारा धूम-धाम से मनाया जाने वाला त्योहार है | रंग पंचमी का यह त्योहार बड़े ही रंगीन तरीके से गुलाम और रंगीन पानी को छिड़ककर मनाते हैं | यह त्योहार मुख्य रूप से मछ्वारों द्वारा (मछली पकड़ने के समुदाय के सदस्यों द्वारा) मनाया जाता है और इनमें नाच, गायन, और आनंद-निर्माण शामिल होता है | महाराष्ट्र में इसी त्योहार को ‘शिमगा’ के रूप में मनाया जाता है और पारंपारिक विशेष नृत्य ‘पाखली’ भी करते हैं |
रंग पंचमी की तैयारियां
‘गैर’ जुलूस देखने और रंगों में भाग लेने के लिए राजवेड़ा क्षेत्र में भीड़ की उम्मीद है | उस दिन सभी प्रकार के वाहनों को प्रवेश करने के लिए मिर्गानायनी, नरसिंम बाज़ार, मलंगंज, गोवर्धन दर्पर, इमली बाज़ार और बादा गणपति, जिंशी, हैमिल्टन रोड पर आने-जाने से रोक लगा दिया जाएगा |
रंग पंचमी के रीती-रिवाज
रंग पंचमी का उत्सव् बिलकुल होली की तरह है | इस दिन दोस्तों और परिवार के सदस्यों को रंग लगाकर इस त्योहार को मनाते हैं | इस दिन हिन्दू लोग भगवान् कृष्ण और राधा की पूजा करते हैं | कृष्ण और राधा का बीच दिव्य श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह पूजा की जाती है |