आप सभी ये तो जानते ही होंगे कि कठिन मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है | ठीक इसी तरह इस कंपनी ने एक-एक रूपए करके तीन सौ करोड़ कमायें हैं |

पल्स कैंडी की सफलता की कहानी -Pulse candy success story in Hindi
ये कहानी है पल्स कैंडी की, जो तीन साल पहले लॉन्च हुई थी |
रजनीगंधा, पास-पास, कैच मसाला बनाने वाली कंपनी और डी.एस. ग्रुप ने 2015 में कच्चे आम की फ्लेवर वाली कैंडी को बाज़ार में उतारा था | जिसके बाद बहुत ही जल्द इस कैंडी ने बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनी को पीछे छोड़कर लोगों के दिमाग पर अपनी जगह बना ली |
ऐसा नहीं है कि भारतीय लोगों ने इस फ्लेवर की कैंडी पहले कभी नहीं खायी थी बल्कि इससे पहले भी पार्ले कच्छा मैंगो बाईट ला चुका है | लेकिन पल्स ने इस फ्लेवर को एक नया रूप दिया | कच्चे आम के फ्लेवर के साथ कुछ खट्टे-मीठे मसाले भी इस कैंडी में मिलाए गए, जो इसके स्वाद को सबसे अलग और मज़ेदार बनाता है | यहाँ तक कि इसका क्रेज इतना ज्यादा था कि शुरुवात में तो कुछ लोगों ने इसका पूरा डिब्बा ही खरीद लिया था | इसी वजह से मार्किट में इसकी डिमांड ज्यादा हो गई और सप्लाई कम जिससे ये ब्लैक में मिलने लगा था और कुछ लोकल कंपनियों ने तो इसका डुप्लीकेट निकलना भी शुरू कर दिया था |
डी.एस. ग्रुप के इस कैंडी को सबसे पहले फरवरी 2015 में ट्रायल के लिए सबसे पहले गुजरात में लॉन्च किया गया था | गुजरात में लोगों ने इसे इतना पसंद किया कि जल्द ही इसकी सप्लाई पुरे भारत में शुरू हो गई | देखते-ही-देखते इस एक रुपए की कीमत वाली कैंडी ने 300 करोड़ की सेल्स करते हुए ऑरेओ जैसे मल्टीनेशनल कंपनी को भी पीछे छोड़ दिया | इससे पहले 2011 में लॉन्च हुए ऑरेओ की सेल्स 283 करोड़ रुपए रही थी | इसके अलावा कोका-कोला द्वारा खूब प्रचार किए जाने गए प्रोडक्ट कोक-जीरो का सेल्स 120 करोड़ रह चुका है |
इस कैंडी की एक ख़ास बात यह है कि इसके प्रचार में कोई ख़ास खर्च भी नहीं किया गया था | इसका स्वाद ही ऐसा था कि लोगों ने खुद ट्राय किया और फिर दोस्तों को भी ट्राय करने को कहा और इसी तरह लोगों में इसकी डिमांड बढ़ती चली गई | डी.एस. ग्रुप के सीनियर वाईस-प्रेसिडेंट शशांक सुराना का कहना है कि पल्स अपने स्वाद के कारण लोगों की पसंद बनती जा रही है | अब हम इसे सिंगापुर, यूनाइटेड-किंगडम और अमेरिका के स्टोर्स पर भी बेचने की तैयारी में है |
अंत में यदि हमे इस कैंडी की सफलता को एक शब्द में बताना हो तो वे है इनोवेशन अर्थात नवीनीकरण | पल्स ने भी कच्चा मैंगो बाईट की तरह पल्स बनाई लेकिन उसमे कुछ खट्टे-मीठे मसाले मिलाकर इसका स्वाद बिलकुल अलग बना दिया | ये थी पल्स-कैंडी की सफलता की कहानी |