अपने आप को सही तरीके से ट्रीट करें, ये चार सौन्दर्य की आदतें हैं जो आपको स्वस्थ रहने में भी मदद करेंगे |
शराब कम और पानी ज्यादा पीना
डॉ स्टीफन मुलहोलैंड जो कि टोरेंटो में रहने वाले एक प्लास्टिक सर्जन है | उन्होंने रिसर्च से यह पता लगया है कि जो लोग शराब का अत्याधिक सेवन करते हैं, वे अनेक प्रकार के बीमारियों से ग्रस्त हो ही जाते है लेकिन साथ-ही इसका बुरा असर उनके सुन्दरता पर भी पड़ता है | इसके परिणामस्वरुप फैलावयुक्त छिद्र, फैली हुई और टूटी हुई सेल्स में समय से पहले वृद्धि हो जाती है | पसीने ग्रंथियां और तेल ग्रथियों में समय से पूर्व वृद्धि हो सकते हैं | दुर्भाग्य से, यह चेहरे में अक्सर होता है विशेष रूप से नाक | हालाँकि त्वचा के अन्य क्षेत्रों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है | लेकिन अब भी वह रेड वाइन के स्वास्थ्य लाभों पर विश्वास करते हैं, और कहते हैं कि एक गिलास एक दिन त्वचा को नुक्सान नहीं पहुंचाएगा | जब तक आप इस रोज़ासी से ग्रस्त नहीं होते |
आपकी त्वचा निकलना
हमारे शरीर या चेहरे की सूखी त्वचा या फिर मृत त्वचा, जब तक हमारे शरीर से अलग नहीं होते है, तब तक वे शुद्धिकारकों और moisturizing hydrating के प्रभावों को तोड़ते हैं क्योंकि वे बिल्डअप अवरोध के माध्यम से “लड़ाई” की कोशिश करते हैं | एक हफ्ते में दो बार बॉडी स्क्रब का प्रयोग करना चाहिए | शावर से पहले शरीर को सूखा साफ़ करने की कोशिश करें, फिर शावर का उपयोग करें | आप एक नायलोन पफ या सी स्पंज का उपयोग कर सकते हैं |
प्राकृतिक भौंह
सबसे बड़ी सौन्दर्य गलतियां में से एक गलती यह है कि आप पार्लर में अपने सौन्दर्य को और भी ज्याद निखारने के लिए आई-ब्रो बनवा लेते हैं | टोरंटो में रहने वाले किरा थोम्प्सन का कहना है कि प्राकृतिक भौंह के मुकाबले पतले बनावटी भौंह कभी भी अच्छे नहीं होते हैं | प्राकृतिक भौंह आपके माथे को एक अच्छा आकर प्रदान करते हैं |
रोजाना व्यायाम
व्यायाम निश्चित रूप से आपको अधिक उर्जा देता है और आपके शरीर को एक अच्छे आकर में बनाए रखने में आपकी मदद करता है | रोजाना व्यायाम करने वाले लोग अपनी अधिक आयु में भी कम उम्र वालो की तरह दिखते हैं क्योंकी व्यायाम करने से इसका प्रभाव हमारी सुन्दरता पर भी पड़ती है, इससे हमारा शरीर सुन्दर और सुडौल बना रहता है | सहनशक्ति व्यायाम एरोबिक गतिविधि है – जैसे कि तेज चलना, दोड़ना या साईकिल चलाना, जो कैनेडियन सोसाइटी फॉर एक्सरसाइज फिसियोलॉजी के अनुसार कार्डियो-श्वसन की फिटनेस को बेहतर बनाता है |